अन्धा राजा और अन्धी रानी - सादरी लोक कहानी - Blind King and Blind Queen - Sadri Folk Story - रोशन टोप्पो

     अन्धा राजा और अन्धी रानी
Blind King and Blind Queen

सभी को जोहर,जय धर्मेश।  मेरा नाम रोशन टोप्पो, ओडिशा राज्य के एक छोटा सा गाओं में मेरा जन्म हुआ।  गाओं का नाम गोइलो लामजीरा है।  मैं जब छठवीं या सातवीं कक्षा  में  था।  तो अक्सर  छुटियों में गाओं जाया  करता था।  बचपन से ही गाओं में मुझे बहुत अच्छा लगता है ।  उस समय हमने हमारे नाना नानीयों के जरिये बहुत कुछ सिखने को मिलता था ।  उनमे से एक है " कहानी "सोने से पहले सब कोई साथ में बैठा करते थे। उस वक़्त जिसको जो जो कहानियां अति थी  वो सुनाते थे। सुन के "हाँ हाँ" बोलने में मज़ा बहुत आता था।  हमारे परिवार में सबसे अच्छा और बेहतर तरीका से कहानी बताते थे।  उसकी हर लाइन को मैं ध्यान से सुना  करता था।  मुझे उस दिन की सुनेहरा पाल आज भी बहुत याद आता है।  अभी काफी कुछ बदल चूका है।  गाओं में नानी नहीं है।  यह कमी मुझे बहुत ज्यादा मह्सुश होता है। मुझे कहानी सुनना बहुत पसंद है। उनमे से एक कहानी आज आपको बताने जा रहा हूँ, मुझे उम्मीद है आपको अच्छा लगेगा।  तो चलिए कहानी को  सुरु करते  हैं।   

क राईज में राजा और रानी रहत रहैं। इमाने खूब धनी मानी रहैं  | इमनकर एक सुन्दर लड़की रहे | उकर नाम पार्वत्ती रहे । उ मन केर एको झन छोड़ा (लड़का) नी रहैं, पारबती एकला एक चोंड़ी (लड़की) रहे | 

      लड़की जब जवान सेयान होइ गेलक तब उमन के अपन बेटी के शादी करेक लागिन चिन्ता होवेक लगलक | इमाने अपन बेटी लागिन लड़का खोजेक ले राइज राइज बुललांय लेकिन उमन कर जैसन सुन्दर आउर धनी मानी घर कर लड़का नी मिललाक | उमाने हाइर गुइन के लड़की के अपने से लड़का खोजेक ले कहलांय। 


रानी बेटी अपन से लड़का खोजेक ले निकललाक। ऊ हिने हुने लड़का खातिर घूमेक-फिरेक लगलक | जात जात उके एक लड़का से भेंट होलाक, उकर नाम रहे सत्यवान । ऊ एक बहुत गरीब घर कर छोंडा (लड़का)  रहे। 

   ऊ लड़का छागरी चरात रहे । छागरी के खियायक ले डाहुरी काइट के उतरेक बेरा गाछ से गिर गेलक सेबेरा उके रानी बेटी बचाय लेलाक |  उकर सेवा सुत्रा करलक | 

धीरे धीरे दुइयो झन कर बीच में  प्यार होइ गेलक। रानी बेटी लड़का के कहलक कि, तोंय मोके शादी करबे ? 

लड़का जवाब देलक " मोंय एक गरीब घर कर हिकों | राज खानदान में मोंय शादी नी करबों "

लड़की अपन माय-बाप से पूछलक उमाने भी गरीब लड़का संगे शादी करेक ले राजी नी होलांय | 

एक बार ऊ लड़का सत्यवान, जोर से बीमार होइ गेलक | ऊ मोरेक-मोरेक लेखे होलाक | राजा कर बेटी खबर पाय के उके देखेक ले उकर घर गेलाक |

 ऊ मोरेक नीयर होलाक से ले, भगवान उके लानेक ले यमदूत मनके भेजलक | यमदूत मने उके लेगेक ले आलांय और उके लेगेक लगलांय | पारबती उके लेगेक से यमदूत मन के मना करलक लेकिन, उमाने नी मन लाएं  | तब पार्वती कहेला कि " इके तोहरे मने ना ले जावा " 


उमने पूछायँना कि काले इके नि लेगाब | तो पार्वती कहेला " ई हमर पति हिके | दया-मया काइर के इके ना लेजावा " फिर भी ई मने उके लेगायना | पार्वती उमन कर पीछा नी छोड़ेला |


 तब ई मने कहलैं तोंय भगवान से तीन वरदान माँग | तोर मांग के भगवान पूरा काइर देवी । उमनकर कहेक मुताबिक तीन वर मांगलक | 

पहिला उमनकर माय बाप के एक लड़का होय जाई | 

दूसरा-उनकर माय बाप जे अन्या-अन्धी हैं आँइख खुल जाय और तीसरा उनकर होवे वाले पति सत्यावान के परिवार वाला खूब धनी मानी होय जाँय |

भगवान कर दोवा से इनकर तीनों वरदान पूरा होय गेलक | तब यमदूत मने कहेक लगलांय अब तो तोर तीनों वरदान तोके मिल गेलक, से ले तोंय हमरे मनकर पीछा छोइड़ दे और सत्यवान के लेगेक में बाधा ना डाल | तोंय घुईर जा |

फिर भी पार्वती उमन कर पीछा नी छोड़ेला आउर कहेला कि " तोहरे मने सत्यवान के न लेगा | छोइड देवा, तोहरे मनके मोंय गोड़ लगोना ।

 तंग होय के उमाने भगवान से आउर एक वरदान माँगेक लागिन कहलांय तब पार्वती मॉगलक कि " यमदूत मने सत्यवान के छोइड़ देवोंक ऊ जी उठ जाओक |

भगवान इकर चौथा वरदान के भी पूरा काइर देलक | भगवान के आदेश से यमदूत मने सत्यवान के छोइड़ देलैं |

 ऊकर जिउ उइठ गेलक । सत्यवान और पार्वती खुशी-खुशी अपन-अपन घर घूईर गेलांय | सत्यवान कर परिवार भी धनी-मानी होय जाय रहैं। से ले दूनों कर शादी बहुत धूम-धाम से होय गेलक | शादी कर बाद दोनों पति-पत्नी होइ के आराम से रहेक लगलांय | 


पार्वती पहिले अपने भलाइ नी देइख के मॉय-बाप कर दुःख के दूर करलक । पहिला और दूसरा वरदान माँय-बाप ले माँगलक | तीसरा वरदान अपन होवेक वाला पति के परिवार केर लागिन माॉगलक और अन्तिम, चौथा वरदान अपन जिन्दगी खातिर अपन होवेक वाला पति ले माँगलक | 


दुनिया में इकरे लेखे दूसर मन कर भलाइ करेक चाही। सेहे ले कहल जायल कि " कर्म ही धर्म है " 


कहाँ रानी बेटी आउर कहाँ एक अत्यन्त गरीब और लाचार लड़का से शादी भेलक। से हे ले कहल गेलक है कि " भगवान सोबकर ले दुनिया में जोड़ी भेइज दे हैं " 


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